रद्द किया गया 461 बीईओ का तबादला

हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसके तहत राज्य के 461 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों का तबादला कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी की एकलपीठ ने गुरुवार को व्यापक पैमाने पर किए गए तबादलों को अवैध करार देते हुए रद्द किया एवं सरकार को चार हफ्ते में नई तबादला सूची बनाने का निर्देश दिया, जो कैबिनेट विभाग के दिए मानदंड एवं बिहार शिक्षा कोड के नियमानुकूल हो।

लल्लन महतो एवं अन्य याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर आधा दर्जन रिट याचिकाओं को मंज़ूर करते हुए हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की तरफ से प्राथमिक शिक्षा के निदेशक के कार्यालय से निकली 30 जून, 2016 की अधिसूचना को ही रद्द किया, जिसमें 461 बीईओ के तबादलों की सूची को आनन-फानन में तैयार किया गया था, जो विभागीय नियमों के विरुद्ध पाया गया। उक्त सूची में मरे हुए अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था और ऐसे अफसरों को भी हटाया गया, जिनकी सेवा मात्र एक महीने की बची थी। प्रथमदृष्टया गड़बड़ी पाते हुए हाईकोर्ट ने गत 19 जुलाई को ही उन तबादलों पर अंतरिम रोक लगाई थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस की थी।

18 साल पुराने अवमानना मामले में दो प्रधान सचिव हुए तलब

पटना|बिहार इंटरकॉलेज सर्विस प्राधिकार की तरफ से दायर हुए एक 18 साल पुराने अवमानना मामले में न्यायमूर्ति आदित्य कुमार त्रिवेदी की एकलपीठ ने शिक्षा एवं वित्त विभाग के प्रधान सचिवों को 26 अगस्त को हाज़िर होने को कहा है। हालांकि उक्त दोनों विभागों की तरफ से हलफनामा दायर कर बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जा चुका है, किंतु उक्त आदेश का अनुपालन तय समय सीमा से 2 महीने बाद किया गया जो अवमानना का कारण बना। यही नहीं दायर हुए जवाब में हाई कोर्ट आदेश के अनुपालन में हुई देरी का कारण नहीं बताया गया।
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