63 हजार रिक्तियां, नियोजन नहीं

पटना : शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के करीब 63 हजार खाली पदों पर नयी  बहाली नहीं शुरू करने का निर्णय लिया है. मंगलवार पटना हाइकोर्ट में शिक्षा विभाग अपना पक्ष रखने की तैयारी कर ली है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग अपना पक्ष रखेगा. 
 नयी बहाली नहीं शुरू करने का सबसे बड़ा कारण वेतन के लिए राशि की कमी है. विभाग के पास राशि ही नहीं है, जिससे वह बहाल नियोजित शिक्षकों को भुगतान कर सके. 
 
इस महीने प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों को मार्च-अप्रैल के वेतन की राशि का भुगतान हुआ है, लेकिन मई-जून की राशि अब भी लंबित है. इस वजह से विभाग नयी नियुक्ति करने से बचना चाहता है. इसके अलावा नियोजन प्रक्रिया लंबी चलती है. अगर फिर से खाली पदों पर बहाली शुरू होती है, तो नियोजन इकाईवार आवेदन लिये जायेंगे, मेधा सूची तैयार होगी, आपत्ति दर्ज होगी, काउंसेलिंग समेत अन्य सारी प्रक्रियाएं पूरी की जायेंगी. इसमें काफी समय लग जायेगा. साथ ही जिस कोटि और जिन विषयों के पद खाली हैं, उसके टीइटी पास अभ्यर्थी भी नहीं के बराबर हैं, जिससे बहाली होने पर भी कुछ पद ही भरे जा सकेंगे. 
 
नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के साथ शुरू हुई समस्या : राज्य में नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए राशि की कमी उन्हें वेतनमान दिये जाने के समय से ही शुरू हो गया है. जुलाई, 2015 से नियोजित शिक्षकों को वेतनमान मिल रहा है, लेकिन एक साल बाद भी उनका वेतन रेगुलर नहीं हो सका है. हर बार कभी एक तो कभी तीन-चार महीने का वेतन बकाया रह जा रहा है. 
 
सभी नियोजित शिक्षकों को तीन हजार से से छह हजार रुपये तक का फायदा हुआ, लेकिन इसका बोझ राज्य सरकार पर पड़ा. राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतनमान देने का खुद निर्णय लिया, जबकि सर्वशिक्षा अभियान के तहत राज्य के 2.57 लाख शिक्षकों के लिए केंद्र सरकार भी राशि देती है. इसमें केंद्र सरकार ने अपने कोटे में कोई बढ़ोतरी नहीं की. नियोजित शिक्षकों को वेतनमान जुलाई, 2015 से लागू हुआ, लेकिन उन्हें जुलाई से सितंबर तक की राशि का भुगतान अक्तूबर-नवंबर में किया गया. इसके बाद अक्तूबर-नवंबर की राशि दिसंबर व जनवरी में मिल सकी. दिसंबर से फरवरी की राशि अप्रैल में शिक्षकों के खाते में गयी. वहीं, मार्च व अप्रैल की राशि इसी माह भुगतान हो सकी है. 
 
थाली खरीदने की िजम्मेवारी शिक्षा समिति को 
 
पटना. राज्य के प्राइमरी व मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल से मिली स्टील की थाली में मिड डे मील मिलेगा. इन थालियों की खरीद पर राज्य  सरकार ने अब फैसला लिया है कि विद्यालय शिक्षा समिति की अनुशंसा पर होगी. सभी स्कूलों को उनकी मांग के अनुसार थाली खरीदने की राशि आरटीजीएस के  जरिये भेजी जायेगी. स्कूल थाली खरीदने के बाद खर्च का ब्योरा  शिक्षा विभाग को देगा. इससे पहले थाली खरीदने का अधिकार जिलाधिकारी की अध्यक्षता गठित कमेटी को दिया गया था, लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हो सका था, इसलिए विभाग ने थाली खरीद का जिम्मा विद्यालय शिक्षा समिति की अनुशंसा को दिया है. 

इंटर स्तरीय पदों की परीक्षा के लिए जुटा एसएससी
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC