वेतन विसंगति मसले पर आंदोलन तेज करेंगे शिक्षक

भागलपुर । वेतन में विसंगति, नियमित वेतन भुगतान और स्नातक ग्रेड में समायोजन सहित 22 सूत्रीय मांग को लेकर शिक्षक आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। शिक्षकों के साफ कर दिया है कि यदि राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे आंदोलन तेज कर देंगे।

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार का कहना है, संघ बजट सत्र तक सरकार के फैसले का इंतजार करेगा। मांगे पूरी नहीं होने पर 28 मार्च को सूबे के सभी जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। दो दिन बाद 30 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इन्हीं मांगों को लेकर शनिवार को संघ ने जिला समाहरणालय पर एक दिवसीय धरना दिया था। इसमें गजेंद्र यादव, दीपनारायण यादव, वीर शिवाजी, महबूब खान, निर्भय झा, प्रदीप कुमार सिंह, विनय कुमार विमल, विद्यानंद, कत्यानंद, गौतम, जयनाथ, रामचंद्र, शशिकांत, नीलेश, पप्पू साह सहित भारी संख्या में मौजूद रहे थे। इस दौरान निगरानी जांच के नाम पर शिक्षकों का शोषण अविलंब बंद करने की मांग की गई थी। पूरण कुमार का कहना है कि गत वर्ष आठ जुलाई को मुख्य सचिव के साथ शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई थी। इसमें मुख्य सचिव ने तीन महीने में तमाम मसलों को सुलझाने का आश्वासन दिया था। नियोजन इकाई से बाहर शिक्षकों का तबादला, स्नातक धारियों का समायोजन और ससमय वेतन के लिए अलग से फंड निर्माण की बात कही गई थी। अब तक इस दिशा में कुछ नहीं किया गया। शिक्षकों को छला जा रहा है।
ये थी प्रमुख मांगें
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-समान काम के लिए समान वेतन का निर्धारण हो
-सेवा शर्त के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उसे लागू किया जाए
-स्नातक किए शिक्षकों का समायोजन एक साथ स्नातक ग्रेड में किया जाए
-चार माह का बकाया वेतन एवं वेतन की अंतर राशि का एकमुश्त भुगतान हो
-नियमित रुप से शिाक्षकों के वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
-अनुकंपा आश्रितों को अप्रशिक्षित योग्यता पर बहाल किया जाए
-नियोजन इकाई से बाहर ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा दी जाए

-टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थियों की शीघ्र नियुक्ति की जाए

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